देश के हृदय मध्य प्रदेश की पहचान अब सिर्फ उसके भौगोलिक केंद्र होने से नहीं बल्कि उसकी विशिष्ट उपलब्धियों से भी है। यह वह राज्य है, जहां एक साथ सबसे अधिक बाघ और देश के एकमात्र चीते पाए जाते हैं। यही नहीं, सफाई और वायु गुणवत्ता में भी राज्य ने पिछले वर्षों में कई बड़े शहरों को पीछे छोड़ते हुए नंबर वन स्थान हासिल किया है। मध्य प्रदेश को देश का टाइगर स्टेट कहा जाता है। 2022 की राष्ट्रीय बाघ गणना के अनुसार प्रदेश में सबसे अधिक 785 बाघ पाए गए, जो देश में सबसे अधिक हैं। कान्हा, बांधवगढ़, पेच, सतपुड़ा और संजय दुबरी जैसे राष्ट्रीय उद्यानों ने न केवल वन्यजीव संरक्षण को सशक्त बनाया है, बल्कि पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी खोले हैं।
देश विलुप्त चीतों से फिर हुआ आबाद
1952 में भारत सरकार की तरफ से देश में चीते विलुप्त घोषित कर दिए गए थे। 1947 में अब के छत्तीसगढ़ प्रदेश स्थित कोरिया के महाराज रामानुज प्रताप सिंह देव ने आखिरी तीन चीतों को शिकार में मार गिराया था। इसके बाद लंबे अंतराल के बाद भारत में चीते की वापसी का गौरव भी मध्य प्रदेश को ही मिला। 2022 में नामीबिया से लाए गए चीते कूनो नेशनल पार्क (श्योपुर) में बसाए गए। वर्तमान में मध्य प्रदेश में 27 चीते हैं। इसमें 24 चीतें कूनो नेशनल पार्क हैं। इनमें 14 भारत में जन्मे शावक है। यह पार्क अब अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण का प्रतीक बन गया है।
कहां कितने टाइगर
बांधवगढ़-135 बाघ , कान्हा-105 बाघ, पेंच- 77 बाघ, पन्ना - 55 बाघ, सतपुड़ा - 55 बाघ, संजय-डुबरी - 16 बाघ, नौरादेही - 5 बाघ , रातापानी - 56, माधव नेशनल पार्क - 0। इसके अलावा बालाघाट, पन्ना, शहडोल, उमरिया, बैतूल के जगलों में अच्छी संख्या में टाइगर हैं।